आजादी के बाद साजिशन देशवासियों को गलत इतिहास पढ़ाया गया : PM मोदी

आजादी के बाद साजिशन देशवासियों को गलत इतिहास पढ़ाया गया : PM मोदी
PM मोदी ने कहा कि देश को ऐसा इतिहास पढ़ाया गया, जो विदेशियों के एजेंडे को आगे बढ़ाता है।भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का नहीं है। देश के वीरों की भी खूब कहानियां हैं। ऐसे लोगों के बारे में बताया ही नहीं गया। हम अब उन सभी गलतियों को सुधार रहे हैं, जो पहले की गई हैं।

25 नवंबर 22।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत का इतिहास वीरता का रहा है लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी वह इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था।

मोदी दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बोड़फूकन की 400वीं जयंती के उपलक्ष्य में यहां लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है, अत्याचारियों के विरूद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास वीरता की परंपरा का रहा है।' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्य से हमें आजादी के बाद भी वही इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था। देश के कोने-कोने में भारत के सपूतों ने आतताइयों का मुकाबला किया लेकिन इस इतिहास को जानबूझकर दबा दिया गया।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जरूरत थी कि गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडे को बदला जाता लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे बलिदानियों को मुख्यधारा में ना लाकर जो गलती पहले की गई उसे सुधारा जा रहा है और लचित बोड़फूकन की जयंती को मनाने के लिए दिल्ली में किया गया यह आयोजन इसी का प्रतिबिंब है।

ज्ञात हो कि लचित बोड़फूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें जाना जाता है। इस युद्ध में औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था। इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।

शाह बोले- इतिहास फिर लिखा जाए

गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहासकारों से भारत के इतिहास को फिर से लिखने के लिए कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी कोशिशों का समर्थन करेगी। शाह ने कहा कि हमारे इतिहास को सही तरीके से पेश नहीं किया गया और तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। अब हमें इसे ठीक करने की जरूरत है।

ICHR फिर से लिख रहा भारत का इतिहास

इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च (ICHR) ने इतिहास को ‘फिर से लिखने’ के लिए एक प्रोजेक्ट को लॉन्च किया है। प्रोजेक्ट के तहत भारत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा। इसका मकसद है कि पहले जो भी झूठ बताया गया है, उसे खत्म करना है और फैक्ट्स के साथ इतिहास लिखना है।

ICHR की तरफ से ये काम शुरू हो गया है। इसके पहले हिस्से को मार्च 2023 में जारी कर दिया जाएगा। 100 से ज्यादा इतिहासकार प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।