महिलाओं पर अत्याचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भड़के नेतन्याहू

अंतरराष्ट्रीय  संगठनों की थमी चुप्पी पर माँगा जबाब

महिलाओं पर अत्याचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भड़के नेतन्याहू

इस्राइल, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास आतंकियों के द्वारा महिलाओं पर किए गए जुल्म पर विश्वभर की महिला समूहों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और यूएन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इन संगठनों को उनकी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने उम्मीद की थी कि विश्व स्तरीय नेता इस अत्याचार के खिलाफ उठेंगे।*

 

नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा, "मैंने उम्मीद की थी कि विश्व स्तरीय नेता इस क्रूरता पर बात करेंगे, लेकिन मैंने देखा कि कुछ विचारक चुप हैं। मैं महिला संगठन से लेकर मानवाधिकार संगठनों से यह कहना चाहता हूं कि आपने इस्राइली महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म के बारे में सुना, लेकिन उस समय आप कहां थे?

 

नेतन्याहू ने चुप रहने पर इन संगठनों को सवाल किया, "आप इस वजह से चुप हैं, क्योंकि वे यहूदी महिलाएं थीं?"

 

प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने हाल के बंधकों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उनकी दर्दनाक कहानियां सुनी। उन्होंने बताया, "मैंने उनकी दिल दहला देने वाली कहानियां सुनी, मुझे दुष्कर्म की दर्दनाक कहानियां बताई गईं, लेकिन इसमें इन संगठनों या अन्य संगठनों की तरफ से एक शब्द भी नहीं कहा गया।"

 

नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों को छुड़ाने का एकमात्र उपाय युद्ध है और जमीनी ऑपरेशन और मानवीय सहायता इसके समर्थन में है। इस्राइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने इसके समर्थन में कहा कि जब जमीनी ऑपरेशन शुरू हुआ तो उन्हें विश्वास था कि हमास पर दबाव ही बंधकों को रिहा कर सकती है। गाजा में इंधन की आपूर्ति करने पर गैलेंट ने कहा कि इसके बदले इस्राइल को भी मांग करने का पूरा अधिकार है।