ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन का दो टूकः चीन के दबाव में नहीं आएगा उनका देश

चीन की ओर से 14 शिकायतों का एक पुलिंदा जारी किया गया था

ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन का दो टूकः चीन के दबाव में नहीं आएगा उनका देश

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दो टूक कहा है कि उनका देश चीन के दबाव के आगे नहीं झुकेगा. चीन की ओर से 14 शिकायतों का एक पुलिंदा जारी करने के बाद मॉरिसन ने यह तीखी प्रतिक्रिया दी. चीन के एक अधिकारी ने 14 शिकायतों की एक लिस्ट ऑस्ट्रेलिया की मीडिया को दी है. इसमें दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की वजहों का उल्लेख है. चीन सरकार के एक अधिकारी ने कथित तौर पर गुरुवार को तीन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया समूहों से कहा था कि अगर तुम चीन को अपना दुश्मन बनाओगे तो चीन तुम्हारा दुश्मन बनेगा. चीन के ऑस्ट्रेलियाई सरकार से चिढ़ने की सबसे अहम वजह ऑस्ट्रेलिया का कठोर विदेशी हस्तक्षेप कानून है, इसमें 5जी नेटवर्क के परीक्षणों में हुवावेई को शामिल करने पर रोक लगाई गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर चीन की कई निवेश परियोजनाओं को भी रोका गया है. मॉरिसन ने कहा कि यह अनाधिकारिक दस्तावेज चीनी दूतावास से आया है, लेकिन यह ऑस्ट्रेलिया को अपने राष्ट्रीय हित के आधार पर नियम-कानून तय करने से नहीं रोक सकता. चैन-9 से बातचीत में मॉरिसन ने कहा कि हम इस बात से कोई समझौता नहीं करेंगे कि अपने विदेशी निवेश कानून हम खुद बनाएंगे या हम अपना 5जी टेलीकम्यूनिकेशंस नेटवर्क किस तरह बनाएंगे. हम देखेंगे कि ऑस्ट्रेलिया के मामलों में दखलंदाजी को रोकने के लिए हम किस तरह की पद्धति अपनाएंगे.

चीन ने कहा- लगातार चीन के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है ऑस्ट्रेलिया
चीन की शिकायतों के दस्तावेज में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया लगातार चीन के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. कोरोना वायरस के मूल स्रोत की स्वतंत्र जांच की ऑस्ट्रेलिया की मांग इसी से जुड़ी है.इसमें आरोप लगाया गया है कि ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के साथ साठगांठ कर चीन विरोध एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है और भ्रमित करने वाली जानकारी फैला रहा है. चीन इन आरोपों से लगातार बौखलाया हुआ है. वहीं अमेरिका ने इस कूटनीतिक विवाद में ऑस्ट्रेलिया का समर्थन करते हुए कहा है कि चीन इस बात से बौखलाया है कि ऑस्ट्रेलिया ने उसे बेनकाब करने और अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए कदम उठाए हैं. व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने यह ट्वीट किया है.