बाल सुधार गृहों में अंडा-चिकन परोसने को लेकर दो विभाग आमने-सामने

बाल सुधार गृहों में अंडा-चिकन परोसने को लेकर दो विभाग आमने-सामने
रविवार को जब पत्रकारों ने मिश्रा से अधिसूचना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इस मुद्दे पर भ्रम की स्थिति है। राज्य सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है और इस तरह की बात को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।'

4 सितंबर 22।   मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के बाल सुधार गृह(juvenile home) में हफ्ते में एक दिन (Egg and Chicken will be served)अंडा और चिकन परोसा जाएगा। अधिसूचना जारी होने के दस दिन बाद, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसे लागू नहीं किया जाएगा। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी मध्य प्रदेश किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) नियम-2002 की गजट अधिसूचना में राज्य के बाल सुधार गृह में परोसे जाने वाले भोजन की सूची में चिकन और अंडे को शामिल किया गया था।इस आदेश के बाद प्रदेश के दो विभाग आमने-सामने आ गए हैं। 

अधिसूचना 25 अगस्त को प्रकाशित हुई थी और यह सरकारी मुद्रण और स्टेशनरी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। रविवार को जब पत्रकारों ने मिश्रा से अधिसूचना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। इस मुद्दे पर भ्रम की स्थिति है। राज्य सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है और इस तरह की बात को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।'
अधिसूचना में कहा गया है कि 'हर चाइल्ड केयर संस्थान को न्यूनतम पोषण मानक और नीचे बताए गए आहार पैमाने का सख्ती से पालन करना होगा।' गजट नोटिफिकेशन की सूची में उल्लिखित खाद्य पदार्थों में सप्ताह में एक बार 115 ग्राम चिकन और सप्ताह में चार दिन अंडे के अलावा अन्य खाद्य पदार्थ जैसे दाल, राजमा, चना, दूध और सब्जियां शामिल हैं।