आजम ने जुर्माने से बचने के प्रयास में अपने सभी विकल्प आजमा लिए

यहां तक कि अदालत में शादी की सीडी भी चलवाई।

आजम ने जुर्माने से बचने के प्रयास में अपने सभी विकल्प आजमा लिए

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की ओर से पेश किए गए डिजिटल सुबूत भी काम नहीं आ सके। कोर्ट रूम में उन्होंने अपने रिश्तेदार की शादी से लेकर वलीमा और जौहर-डे तक की सीडी चलवाई थी, जिसमें अब्दुल्ला आजम के बचपन की भी सीडी थी। सीडी में दिखाया गया था कि अब्दुल्ला आजम उस समय मां की गोद में खेल रहे थे, लेकिन कोर्ट में पेश यह सुबूत भी उनके काम नहीं आए।

 

सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम परिवार ऐसा फंसा कि लाख चाहकर भी वह निकल नहीं पाया। आजम परिवार ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए तमाम सुबूत पेश किए, जिसमें गवाहों की लंबी चौड़ी लिस्ट तो थी ही साथ ही डिजिटल सुबूत भी पेश किए गए, जिसमें सीडी प्रमुख थी।


अधिवक्ताओं की ओर से आजम खां के रिश्तेदार अब्दुल मतीन के निकाह से लेकर उनके वलीमा तक की सीडी पेश की गई। सीडी को कोर्ट रूम में चलाया गया था, जिसमें सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला के बचपन की झलक दिखाई गई थी। उस समय अब्दुल्ला की उम्र ढाई साल बताई गई थी।

वीडियो में अब्दुल्ला मां तजीन फात्मा की गोद में दिखाया गया था। कोर्ट में आजम ने बहन निकहत अखलाक को भी कोर्ट में पेश किया। इसके अलावा कोर्ट में जौहर-डे की भी सीडी चलाई गई थी, जिसके जरिए भी आजम खां ने अपनी बेगुनाही के सुबूत पेश किए। वहीं सीडी बनाने वाले वीडियोग्राफर को भी कोर्ट में पेश किया गया।

दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने खूब दिलचस्पी दिखाई। तीन साल चली सुनवाई के दौरान उन्होंने 119 बार कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखा, जबकि सपा नेता आजम खां सिर्फ 17 बार ही कोर्ट में पेश हुए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां एक बार फिर अपने पूरे परिवार के साथ जेल की सलाखों के पीछे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की मजबूत पैरवी और कागजी सबूत बताई गई है।

पूरे प्रकरण में 119 बार भाजपा विधायक कोर्ट में मौजूद रहे। जिसकी वजह से रामपुर से लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज अधिवक्ता कपिल सिब्बल तक की दलीलें बेकार हो गईं। लेकिन, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना को अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाणपत्र होने की बात जब पता लगी, तो उन्होंने दस्तावेजों को आधार बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी।

जिसके बाद पुलिस ने जांच की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। पूरे प्रकरण में भाजपा विधायक ने मजबूती से पैरवी की। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पूरी सुनवाई में 119 बार कोर्ट में उपस्थित रहे। जबकि, आजम खां सिर्फ 17 बार ही कोर्ट पहुंच सके।

 

दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में एक मौका ऐसा भी आया, जब सपा नेता आजम खां के अधिवक्ताओं ने वादी आकाश सक्सेना से 17 दिन तक बचाव पक्ष में जिरह की। उन्हें जिरह के लिए पांच दिन तक (31 अगस्त 2021 से चार सितंबर 2021 तक) लगातार कोर्ट बुलाया गया और आकाश सक्सेना ने अपनी बात कोर्ट के समक्ष साक्ष्यों के साथ रखी। यह जिरह 17 दिन तक जारी रही।