तुर्की में खोजा गया 4 करोड़ लोगों के हत्यारे चंगेज खान के पोते का 'महल'
तुर्की में पुरातत्वविदों ने एक महल की खोज की है। पुरातत्वविदों का मानना है कि ये महल चंगेज खान के पोते हलाकू खान का रहा होगा। हलाकू ख़ान ने एक समय ईरान, इराक और तुर्की पर कब्जा जमा लिया था। हलाकू ख़ान के दादा चंगेज खान ने दुनिया भर में लड़ाइयां लड़ी, जिसमें लगभग 4 करोड़ लोग मारे गए।
24 जुलाई 22। दुनिया के सबसे क्रूर शासकों की बात की जाए तो चंगेज़ खान (Genghis Khan) का नाम सबसे पहले आता है। कहा जाता है कि चंगेज़ खान(Genghis Khan) की सेना जहां से गुजरती थी वहां से इंसानों का खात्मा हो जाता था। चंगेज इकलौता क्रूर लड़ाका नहीं था, बल्कि उसका पोता हलाकू ख़ान (Hulagu Khan) भी एक खतरनाक सेनापति था। अब चंगेज खान के पोते से जुड़ी एक खोज तुर्की में सामने आई है। पुरातत्वविदों का कहना है कि उन्होंने तुर्की में एक भव्य महल को खोजा है, जो संभव है कि हलाकू ख़ान का रहा होगा।
हलाकू ख़ान 1217 से 1265 तक जिंदा रहा। इसने लगभग दक्षिण पश्चिम एशिया के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया था। 1258 में उसने बगदाद पर भी कब्जा कर लिया था, जो उस समय इस्लाम की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी थी। इसके आक्रमण से ऐतिसाहसिक शहर का ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो गया था। हलाकू ख़ान का पिता चंगेज खान का चौथा बेटा था। उसी ने मंगोल साम्राज्य को मध्य पूर्व और एशिया तक में फैलाया।
चंगेज खान ने की थी चार करोड़ लोगों की हत्या
एक अनुमान के मुताबिक चंगेज खान ने अपने युद्ध अभियान के दौरान लगभग 4 करोड़ लोगों को मार डाला था। उस समय की आबादी के हिसाब से ये दुनिया की लगभग 10 फीसदी आबादी रही होगी। चंगेज खान की मौत के बाद मंगोल साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों में टूट गया। इसमें से एक इल-खानाटे था, जिसका नेतृत्व हलाकू ख़ान ने किया था। इसने आज के ईरान, इराक और तुर्की पर कब्जा कर लिया था।
स्वास्तिक का निशान भी मिला
कुछ इतिहासकार हलाकू ख़ान की ग्रीष्मकालीन राजधानी का उल्लेख करते हैं, लेकिन ये नहीं पता कि वह कहां थी। पुरातत्वविदों को अब विश्वास है कि उन्होंने पूर्वी तुर्की के वैन राज्य में इस जगह को खोज निकाला है। साइट की खुदाई करने वाली टीम ने कहा कि महल को भारी लूटपाट के बाद क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। खुदाई के दौरान उन्हें महल के खंडहरों से चमकती हुई छत की टाइलें, चीनी मिट्टी के बर्तन और मिट्टी के बर्तन मिले हैं। मंगोलियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुंख्तुल्गा रिंचिनखोरोल ने कहा कि उन्हें यहां मंगोल समय के स्वास्तिक (Swastika found in excavation) के निशान मिले हैं, जो शक्ति का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि खान के महल परिसर के अवशेष अब पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।