शक्ति की भक्ति में डूबे श्रद्धालु, पहले दिन मां शैलपुत्री का किया पूजन

माता मंदिरों में सुबह लगी श्रद्धालुओं की भीड़

शक्ति की भक्ति में डूबे श्रद्धालु, पहले दिन मां शैलपुत्री का किया पूजन

ग्वालियर। चैत्र नवरात्रि पर्व आज शनिवार से शुरू हो गया।  इस साल किसी भी तिथि का क्षय नहीं है, इसलिए पूरे नौ दिन तक नवरात्रि है। साथ ही आज शनिवार को नवसंवत्सर, गुड़ीपड़वा भी है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक नवरात्रि पर मां दुर्गा पृथ्वी पर अलग-अलग वाहनों से आती हैं, जिसका विशेष महत्व होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रही है, ऐसे में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी पर आई हैं।  नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं ने घट स्थापना के बाद विधिविधान से मां शैलपुत्री का पूजन किया। भक्तों ने माता से सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। नवरात्रि पर श्रद्धालु पूरे नौ दिन श्रद्धा भक्ति के साथ माता के विभिन्न स्वरूपों का विधि-विधान से पूजन करते हैं। अनेक लोग नौ दिन तक विभिन्न तरीकों से उपवास भी रखते हैं। जगह-जगह माता के जागरण होते हैं। कुछ लोग अष्टमी तो कुछ लोग नवमी को पूजन का समापन कर कन्या भोज करते हैं। 
मंदिरों में सुबह से ही लगी भीड़ः नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही माता मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग गई। माता के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गए। शहर के मांडरे की माता मंदिर, शीतला माता मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कतार में लगकर माता के दर्शन किए। इस दौरान माता को फूलमालाएं, नारियल व अन्य प्रसाद चढ़ाए गए। वहीं घरों में लोगों ने मां शैलपुत्री का पूजन किया। साथ ही दुर्गा चालीसा, दुर्गासप्तशती का भी पाठ प्रारंभ किया गया। मां शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योग साधना का प्रारंभ होता है। माता शैलपुत्री वृषभ पर विराजित हैं। उनके दाएं हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। 
कल मां ब्रह्मचारिणी का होगा पूजन
3 अप्रैल, रविवार-  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।
4 अप्रैल, सोमवार - तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।
5 अप्रैल, मंगलवार- चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने का विधान है।
6 अप्रैल, बुधवार - पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।
7 अप्रैल, गुरुवार - छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी।
8 अप्रैल, शुक्रवार-   सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा
9 अप्रैल, शनिवार- आठवें दिन मां महागौरी की पूजा
10 अप्रैल, रविवार- नौवें दिन में मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
11 अप्रैल, सोमवार - दशमी तिथि को पारण किया जाएगा।